रविवार, 15 अगस्त 2010

ऐसा मेरा देश

अनेक वेश, संस्कृतियाँ अनेक
अनेक बोलियाँ, भाषाएँ अनेक
धर्म कई, कर्मयोद्धा कई
जो दे प्यार का संदेश
ऐसा मेरा देश

वीरो की जन्म  भूमि है जो
विद्वानों की कर्मभूमि है जो
शहीदों के खून से सिचीं ,
मिट्टी के लालो की रणभूमि है जो
जो शौर्यवीरो का है स्वदेश
ऐसा मेरा देश

दीपावली जहाँ बुरे पर सच्चाई का पथ साकार करे
ईद जहाँ  आपस मे भाईचारा सिखलाए
क्रिसमस जहाँ रिश्तो को मजबूत बनाये
लौह्डी जहाँ सबके मन को आनंदित कर जाए
जहाँ  हर धर्म दे एकता का संदेश
ऐसा मेरा देश

पावन जिसकी गंगा, ब्रह्मपुत्र और यमुना
पावन जिसके तीर्थ-पुराण, पावन है पत्ता-पत्ता जिसका
जहाँ पूज्य है धरती माता, सम्मान करता है जिसका हर देश
ऐसा मेरा देश
--जय हिंद जय भारत--

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